महामनीषी
मार्क्स का विधान!
' मानव
सोचता है सदा वर्गीय "
पुण्यभूमि
भारत में असत्य
वह
विधान.
यहाँ
माता को पुत्र ही अति प्रिय,
न
पुत्री.
पुत्र
को दूध बादाम,पुत्री को छास.
पुत्र
को ट्यूशन,पुत्री को झाडू-पोछा,बर्तन
पुत्र को सर्वस्व अर्पण,पुत्री को आशीर्वाद.
सास ही
दहेज मांगे
ताने
मार कर परेशान करे
ज़िंदा
जलाए
गृहवधु
को !
यहाँ
माँ ही करे
पुत्रीकी भ्रूणहत्या.
पुण्यभूमि भारत में
यही
सत्य विधान-मार्क्स
विधान असत्य.
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