पगली रे पगली,गुजरात मेरी रे ....
भोली भरवाड औरत,हरी को बेचने चली,
पगली रे पगली गुजरात मेरी रे .....
मस्जिद टूटती जानकर,धोड़ा दौड़ा कर खम्भात पहुँचा,
चक्रवर्ती सिद्ध राज पैदा किया जिस ने रे.....
. पगली रे पगली गुजरात मेरी रे .....
व्याकरणग्रन्थ हाथी पर बिठा के,
पैदल खुद चालान ऐसा हेमचन्द्र पैदा किया जिस ने रे ....
पगली रे पगली गुजरात मेरी रे .....
प्यासे पाटण के लिए शीश उतारा,
अछूतों को दिये अधिकार,
वीर माया पैदा किया जिस ने रे......
पगली रे पगली गुजरात मेरी रे .....
बेक़सूर के खून के लिए,
दामाद को सलीब पर चढ़ाया,
अहमदशाह बादशाह पैदा किया जिस ने रे...
पगली रे पगली गुजरात मेरी रे .....
रा'नवघण के लिए खुद के बच्चों की आँखें पसीजी,
धन्य आहिर रानी पैदा की जिस ने रे ....
पगली रे पगली गुजरात मेरी रे .....
सोमनाथ की सहायता को निकला एकल वीर,
हमीरजी गोहिल पैदा जिस ने किया री...
पगली रे पगली गुजरात मेरी रे .....
ठुकराए हुओं के घर भजन किये,
पागल नरसिंह जिस ने पैदा किया रे....
पगली रे पगली गुजरात मेरी रे .....
पग घुंघरू बाँध राजरानी नाची रे,
पागल मीरा पैदा की जिस ने रे ....
पगली रे पगली गुजरात मेरी रे .....
चकचुर हों नाचा दासी हो कर,
दासी जीवन पैदा जिस ने किया रे...
पगली रे पगली गुजरात मेरी रे .....
कलम की गोद में सर रख कर डांडिया ले के घूमा रे ....
पागल नर्मद पैदा जिस ने किया रे...
पगली रे पगली गुजरात मेरी रे .....
गुजराती रानी का वकील,
खंडेराव के सामने सीना तान के खडा रे...
दलपतराम पैदा जिस ने किया रे....
पगली रे पगली गुजरात मेरी रे .....
दासी को राजरानी बना बैठा,
पगला कलापी पैदा जिस ने किया रे....
पगली रे पगली गुजरात मेरी रे .....
राज सुख जिस ने बाजु पर रक्खा,
अछूतों को पढ़ाया जिस ने रे,
महाराजा सयाजीराव पाला जिसने रे...
पगली रे पगली गुजरात मेरी रे .....
शिवलिंग पर चूहा देखकर भड़क उठा,
भड़काया पूरा आर्यावर्त,
दयानंद पैदा जिस ने किया रे...
पगली रे पगली गुजरात मेरी रे .....
अछूत को आश्रय जिस ने दिया रे,
आश्रम को जिस ने बचाया,
शेठ अंबालाल पैदा जिस ने किया रे.....
पगली रे पगली गुजरात मेरी रे .....
पीड़ितों की जिस ने पीड़ा है गाई,
बिस्मिल मेघाणी पैदा जिस ने किया रे....
पगली रे पगली गुजरात मेरी रे .....
आजादी के झंडे योरप में लहराए,
श्यामजी राणा और कामा पैदा जिस ने किया रे ....
पगली रे पगली गुजरात मेरी रे .....
बेंक में जिसकी पाई भी
नहीं थी,
मरद सरदार पैदा जिस ने किया रे.....
पगली रे पगली गुजरात मेरी रे .....
दुबले लोगों के लिए जीवन अर्पण किया,
ठक्करबापा मजमुदार पैदा जिस ने किया रे....
पगली रे पगली गुजरात मेरी रे .....
वढवाण छोड़ कर वेडछी वसा रे,
कंगालों को दिया अक्षर दान,
जुगतराम पैदा जिस ने किया रे....
पगली रे पगली गुजरात मेरी रे .....
मिलमालिक की बेटी थी फिर
भी,
भूखे मजदूरों का दिया साथ
अनसूया को पैदा जिस ने किया रे.....
पगली रे पगली गुजरात मेरी रे .....
गांधी के पाँव में पाँव धरे जिसने,
सोने की एक चूनी भी नहीं ली,
कस्तूरबा पैदा की जिस ने रे.....
पगली रे पगली गुजरात मेरी रे .....
चोरों को जैल से जिस ने छुडाया,
पागल रविशंकर पैदा जिस ने किया रे....
पगली रे पगली गुजरात मेरी रे .....
अम्बेडकर की छाया बनकर जिया रे...
पुरुषोत्तम पैदा जिस ने किया रे.....
पगली रे पगली गुजरात मेरी रे .....
विराट विनोबा के तीन क़दमों में
धर दी जमीन दलितों को,
कवि काग पैदा जिस ने किया रे.....
पगली रे पगली गुजरात मेरी रे .....
सीताओं को शयतानों से छुडाया,
सलमाओं को रावनों से छुडाया,
मृदुला साराभाई पैदा जिस ने की है रे......
पगली रे पगली गुजरात मेरी रे .....
सीना धर के गोलियाँ अंग्रेज की खायीं,
वीर किनारीवाला पैदा जिस ने किया रे...
पगली रे पगली गुजरात मेरी रे .....
दंगो की आग बुझानेके वास्ते,
बलि जिनने अपनी दी,
वसंत रजब को पैदा जिस ने किया रे...
पगली रे पगली गुजरात मेरी रे .....
महा गुजरात का ब्युगल बजाया,
फ़कीर इन्दुलाल पैदा जिस ने किया रे.......
पगली रे पगली गुजरात मेरी रे .....
कितने सारे पागलों को जनम दिया जिस ने,
जिन के लिए दुनिया पूरी रुलाई,
पगली रे पगली गुजरात मेरी रे .....
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