निसर्ग इतनी सुन्दर और समृद्ध
मानव क्यों इतना दरिद्र और दलित ?
गंगा को माना था कितनी निर्मल और पवित्र,
गंगा देखी तो कितनी मलिन और अछूत !
बुद्धविहारभूमि मानी थी करुणामय अहिंसक,
देखी तो विहारभूमि कितनी निर्दय और हिंसक !
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