सत्य कहा,सज़ा दी उन्हें.
झूठों को शीश चढ़ाया,
वाह रे मानव जात !
चार्वाक को ज़िन्दा जलाया.
सुकरात को जहर दिया.
बुद्ध पर पत्थर बरसाये,
कबीर को जारज ठहराया.
इसा को कीलों से मढा,
मुहम्मद को मक्का छुडाया.
अम्बेडकर को धक्के लगाए,
गांधी को गोलियाँ दागीं.
सच बोले,सज़ा दी उन्हें,
झूठों को शीश चढ़ाया;
वाह रे मानव जात !
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