भाषा
को क्या चिपके भूर
जो रण
में जीते वह शूर.
नाम
चाहे दो कोई भी
मार्क्स
का भूत हूँ हूँ करता रहेगा
पृथ्वी
पट पर
न हो
प्रश्थापित जब तक
सब को
न्याय और समानता.
तुम्हें
पसंद न आये तो
साम्यवाद
का नाम मिटा दें
समाजवाद
का नाम भी न लें.
सामाजिक
न्याय ऐसा
नामकरण
करें
स्वीडन
या डेन्मार्क मॉडल कहें.
गणतांत्रिक
समाजवाद कहें,
उदार
मत समाजवाद कहें.
गांधीयन
समाजवाद कहें,
फेबियन
सोसायटी कहें या जो भी नाम दें
हम तो
चाहें सुखचैन,समानता,न्याय,
सर्व
जन को अन्न,वस्त्र,आश्रय....
नामकरण
ठीक लगें सो करें.
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