हमारे पेट नहीं हैं.
इसलिए भूख नहीं है.
इसलिए भूख के प्रश्न नहीं हैं,
रोटी के लिए दंगे नहीं हैं.
आर्थिक समस्याएं नहीं है.
हमारे है केवल मस्तिष्क
इसलिए केवल सांस्कृतिक,राजकीय,सामाजिक प्रश्न हैं.
मंदिर-मस्जिद के, राम जन्मभूमि के प्रश्न हैं
रामसेतु तोड़ने न तोड़ने के प्रश्न हैं.
हिन्दू-मुस्लिम के प्रश्न हैं,
कौमी दंगों के प्रश् हैं.
राष्ट्रवाद के,राष्ट्रीयता के प्रश्न हैं.
हिंदुत्व की
व्याख्या के प्रश्न हैं.
बिनसाम्प्रदायिकता के अर्थघटन के प्रश्न हैं.
कश्मीर की स्वायत्तता के प्रश्न हैं.
मकबूल हुसेन के चित्रों के प्रश्न हैं.
शिवाजी की जीवन कथा के प्रश्न हैं.
सुभाष चंद्र बोझ की मृत्यु के प्रश्न हैं.
आतंकवाद नक्सलवाद के प्रश्न हैं.
तमिल इलम के प्रश्न हैं
छुआछूत के प्रश्न हैं.
दलित अत्याचार के प्रश्न हैं.
ऑनर किलिंग के प्रश्न हैं.
स्त्रीभ्रूण हत्या के प्रश्न हैं.
फेइक एनकाउन्टर के प्रश्न हैं.
हमारी तो हैं केवल आत्माएं,
इसलिए हमारे आद्यात्मिक प्रश्न हैं.
आत्मा परमात्मा एक या भिन्न ?
द्वैत अद्वैत के प्रश्न
हैं
वेदकाल से आज तक निराकरण नहीं हुआ.
ब्रह्मत्व प्राप्त नहीं हुआ.
किन्तु हमारे पेट नहीं
इसलिए भूख नहीं है.
भूख के प्रश्न नहीं हैं.
आर्थिक समस्याएं नहीं हैं.
No comments:
Post a Comment