चेहरे
मुखौटे अनेक,
अंत
में तो एक ही एक
कोई
रटता राम,
कोई
रटता गांधी.
कोई
रटता वर्गसंघर्ष,
कोई
रटता वर्णसंघर्ष.
कोई
रटता प्रान्त,
कोई
रटता भाषा.
कोई
रटता गुलाम कश्मीर,
कोई
रटता आझाद कश्मीर.
कोई
मांगे शरिया,
कोई
मांगे मनु.
चेहरे
मुखौटे अनेक,
अंत
में तो एक ही एक.
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