अव्यक्त होगा,
इश्वर,
तारक विश्व में अणु रूप से,
सूर्य का प्रकाश, जल और
पृथ्वी की मिट्टी मिलके रचाए
संकीर्ण रासायणिक संयोजन,
यकायक चकमक की तरह,
प्रगट हुआ दीएनए जीव,
व्यक्त हुआ इश्वर.
उत्क्रांति की शाखा प्रशाखा फूटते फूटते,
अमीबा से पैदा हुआ आदम.
और अब,
खोजता है इश्वर को.
भूल जाता है की
खुद ही तो है व्यक्त इश्वर!
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