शास्त्राज्ञा
के अनुसार
यज्ञोपवित
धारण करने का हक़ था
केवल
ब्राह्मण,क्षत्रिय,वैश्य को.
यज्ञोपवित
धारण कर के होते द्विज
जैसे
अन्य जन्म लिया हो.
बाबा अम्बेडकर ने हमारी ऑंखें खोली.
भीतर में जलाई आग. हमें बनाए द्विज.
जैसे दिया नया जन्म.
स्वप्न का जन्म.
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