शब्दों में हवा भरी जा सकती है
शब्दों को फूटबोल की तरह उछाला जा सकता है
शब्दों को अर्थहीन किये जा सकते है,
शब्दों के अर्थों को बदला जा सकता है,
प्रतिक्रान्ति को क्रांति कहा जा सकता है,
कुधार को सुधार कहा जा सकता है,
कोमवाद को राष्ट्रवाद कहा जा सकता है,
अधोगति को प्रगति कहा जा सकता है,
शब्दों में मिलावट की जा सकती है,
शब्दों से खिलवाड़ किया जा सकता है,
शब्दों का जीन बदला जा सकता है,
शब्दों को गुमानी बनाया जा सकता है,
शब्दों में घृणा व्यक्त की जा सकती है,
शब्दों में मिथ्या गौरव किया जा सकता है,
शब्दों को भ्रष्ट किया जा सकता है,
शब्दों की मायाजाल रची जा सकती है,
शब्दों की भ्रम जाल रची जा सकती है,
शब्दों की आभा रची जा सकती है,
शब्दों का सौ बार उच्चार करके
असत्य का सत्य में रूपान्तर
किया जा सकता है.
शब्द......शब्द....शब्द.
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