समग्र
विश्व में
सब से
ज्यादा प्यार कविओं का
मिला
केवल गांधी को.
सुकरात
पर है सोफोक्लिस का
केवल
एक नाटक.
बुद्ध
पर केवल अश्वघोष का
एक
नाटक.
भवभूति
राम अपर,
कालिदास
शिव पर बरसे.
ईसा-महमद
पर
न बना
कोई महाकाव्य.
लेनिन
पर केवल
मायकोव्स्की
का
एक
महाकाव्य.
गांधी
को तो
आकाश
में जितने सितारें
उतने
कवियों का मिला प्यार!
पागलों
के गांधी
हिन्दू
मानते है गांधी मुसलमान के
मुसलमान
मानते है गांधी हिन्दू के.
सनातनी
के लिए गांधी अछूत,
दलितों
के मन गांधी वर्नाश्रमी.
गांधी
किसीका नहीं,
केवल
पागलों का गांधी.
तालिबानी
हिंसा की भभकती आग के बिच
अहिंसा
का स्वप्न जिसे आये
वह
पागल नहीं. क्या?
निहायत
झूठे राज नेताकी वाणी के बिच
सत्य
का उच्चारण जो करे
वह
पागल नहीं क्या?
पांच
साल में दो के चार करोड़ रूपये बनाते
राष्ट्रीय
नेताओं के शोरगुल के बिच
इमानदारीकी
बात जो करे
वह पागल
नहीं क्या?
विश्व
बाजार की मंदी की आंधी के बिच
तकली
चलाए जो
वह
पागल नहीं क्या?
गांधी
के साथ्र रहे केवल पागल अब!
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