बांध
करें गांधी का मज़ाक
अगर
मानते है उसे महात्मा.
पूरे
भारतमें नहीं
केवल
एक-दो राज्यों में
या
वर्धा कि हरिद्वार में
हो नशाबंदी
गांधी
के जन्मदिन को बनाएं
ड्राय
डे !
यह
फारस बंद करो
बस करो
बांध
करो गांधी का मज़ाक.
जप
माला की तरह
चरखा
मत चलाओ
एक दिन
के लिए.
विदेशी
या वी.आई.पी.की
मुलाक़ात
के वक्त
चरखा
चलाने का नाटक बांध करो.
देश
में हों तब खादी के कूर्ते पायजामे में
विदेश
में जोधपुरी सूट पहनने का
दंभ मत
अकरो.
केवल
गांधी जन्मदिन को
आश्रम
भजनावली का आलाप मत करो.
बादाम
खाती गांधी की बकरी की
अफवाहें
मत चलाओ.
सजातीय-विजातीय
मनघडंत
लार
कथाए मत फैलाओ.
अगर आप
के बाहुओं में दम है
आत्मा
की ताकत है
तो
जनतंत्र को नग्न करते हुए
तानाशाहों
के विरुद्ध मुक्का उठाओ.
गणतंत्र
के चीर पूरो.
अन्यथा
बस
करें
बंद
करें गांधी का मज़ाक
अगर
मानते हैं उसको महात्मा.
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