यह
कैसा बनिया?
जी
करता था लेनदेन लाखों की
फिर भी
किसीने
कभी
न
माँगा हिसाब
गांधी
से.
बिना
मांगे
दे
दिया हिसाब उसने
अपने
खून के
कतरे
कतरे से.
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