गुजराती भाषामें १९७७-७८ से दलित साहित्य आन्दोलन का जन्म हुआ.जन्मकाल से ही
मैं दलित कविता लिखता आया हूँ.मेरे कुल मिलाके ६ काव्यसंग्रह गुजरातीमें प्रकाशित
हुए हैं.
पूरे देशके पाठक गुजराती दलित कविता
का परिचय पा सके,हिन्दी के
सर्जक-समीक्षकों को भी गुजराती दलित कविता
की गतिविधि की झांकी मिल सके और उनके अभ्यास में यह सहायक भी हो पाए इसी उम्मीद से हिन्दी अनुवाद-प्रकाशन आवश्यक लगा
है.
इससे पहले मेरे दो हिन्दी कविता संग्रह 'सूर्योदय की प्रतीक्षा' और 'कवि की
आवाज़' प्रकाशित हो चुके हैं.ख्यातिप्राप्त दलित कवि और मेरे परम मित्र साहिल परमार
ने 'निषाद' का अनुवाद कर के मुझे उपकृत किया है.
गुजराती दलित साहित्य अकादमी के महामंत्री श्री.हरीश मंगलम ने मेरा यह
काव्यसंग्रह गुजराती में प्रकाशित किया था,जिन का मैं आजीवन ऋणी हूँ'.
मेरे हिन्दी अनुवादों में डॉ.आलोक गुप्ता,बजरंग बिहारी तिवारी,मोहन दास नैमिष
राय,रमणिका गुप्ता,गिरीश रोहित,आर.एच.वणकर,धीरज वणकर आदि स्नेही सज्जन मित्र
सहयोगी रहे हैं.
मेरी रचनाओं के अंग्रेजी-हिन्दी
अनुवाद के प्रकाशक श्री.शांतिस्वरूप शर्मा का आभारी हूँ.
दिनांक - ५ जुलाई,२०१६ - प्रवीण गढवी
४६६/२,आसवलोक,
सेक्टर-१,गांधीनगर.(गुजरात)
मोबाईल ९९७९८ ९३९९०
No comments:
Post a Comment